एसपीजी सुरक्षा एक्ट में संशोधन करेगी केंद्र सरकार, अगले सप्ताह संसद में पेश हो सकता है प्रस्ताव

केंद्र सरकार एसपीजी सुरक्षा एक्ट में संशोधन करने जा रही है। इसका ड्राफ्ट लगभग तैयार है। उसे अगले सप्ताह तक संसद में पेश कर दिया जाएगा। सरकार के सूत्र बताते हैं कि इस संशोधन में कई तरह के नए प्रावधान किए गए हैं। खासतौर से पूर्व प्रधानमंत्री या उनके परिवार को एसपीजी सुरक्षा किन शर्तों पर दी जाए, उसकी समयावधि कितनी हो, खतरा कहां पर और किस तरह का है और कोई एसपीजी सुरक्षा प्राप्त व्यक्ति यदि तय मापदंडों का उल्लंघन करता है  तो उस स्थिति में क्या होगा, ये सब बातें नए एक्ट का हिस्सा बनेंगी। इन अति विशिष्ट लोगों की सुरक्षा में लगे सीआरपीएफ कमांडो बहादुरी के कई कारनामों में दुनिया भर में सर्वश्रेष्ठ माने जाते हैं। विश्व की सबसे विशिष्ट फोर्स 'कोबरा' यानी (कमांडो बटालियन फॉर रिसोल्यूट एक्शन) विंग से भी अनेक कमांडो जेड प्लस सुरक्षा में आते रहते हैं। हालांकि बुधवार को सदन में कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने इस मामले में सरकार से पक्षपातपूर्ण एवं राजनीतिक भावना से काम न करने का आग्रह किया था। इसके जवाब में भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि गांधी परिवार के आसपास का खतरा लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (लिट्टे) के अंत के साथ ही गायब हो गया था। केंद्र सरकार के सूत्र बताते हैं कि गांधी परिवार ने एसपीजी के नियमों का लगातार उल्लंघन किया है। कई बार तो यह भी देखने को मिला कि सुरक्षा प्राप्त व्यक्ति कहीं जाने के लिए अपनी गाड़ी में जाकर बैठ गया, लेकिन उन्हें कहां जाना है, यह जानकारी एसपीजी के पास नहीं थी। इतना ही नहीं, सैकड़ों बार ये भी हुआ कि वे एसपीजी को अपने साथ ही नहीं ले गए।



विशेष सुरक्षा समूह संशोधन अधिनियम अगले सप्ताह होगा संसद में पेश ...


सूत्रों का कहना है कि सरकार ने इस एक्ट में संशोधन करने का मसौदा तैयार कर लिया है। अगले हफ्ते संसद में संशोधन प्रस्ताव पेश किया जाएगा। नए एक्ट में वह प्रावधान नहीं होगा, जिसके तहत मौजूदा समय में पूर्व प्रधानमंत्रियों या उनके परिजनों को एसपीजी सुरक्षा मुहैया कराई जाती है। सूत्रों का दावा है कि केंद्र सरकार अब पूर्व प्रधानमंत्रियों और उनके परिवार के सदस्यों को एसपीजी सुरक्षा कवर नहीं देगी।




संभावना यह भी है कि पूर्व प्रधानमंत्री को सीमित समय के लिए यह सुरक्षा कवच देने का प्रावधान किया जा सकता है। इसमें भी यह देखा जाएगा कि उन्हें किस तरह का खतरा है।एसपीजी के मापदंडों का उल्लंघन होने की स्थिति में कौन सी एजेंसी रिपोर्ट तैयार करेगी, इस बाबत भी संशोधन एक्ट में कई नए प्रावधान देखने को मिलेंगे।