गृह मंत्रालय के फैसले के खिलाफ रमेश ने अदालत का दरवाजा खटखटाया था। जस्टिस छाला कोंडाना राम ने मामले की अगली सुनवाई 16 दिसंबर को करने का फैसला किया है। टीआरएस विधायक ने अपनी याचिका में आगे की प्रक्रिया को निलंबित करने की भी अपील की थी।
तेलंगाना हाई कोर्ट ने शुक्रवार को टीआरएस विधायक रमेश चिन्नमनेनी की नागरिकता रद्द करने के फैसले पर रोक लगा दी है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बुधवार को तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के विधायक की नागरिकता रद्द कर दी थी। विधायक के वकील वाई रामाराव ने दलील दी कि किसी व्यक्ति की नागरिकता सिर्फ तभी रद्द की जा सकती है, जब उसका व्यवहार जनता के लिए सही न हो। विधायक रमेश ने अदालत के आदेश पर खुशी जताई है। चिन्नमनेनी के पास पहले जर्मनी की नागरिकता थी और 2009 में उन्होंने भारत की नागरिकता ली थी। उन पर आरोप है कि भारतीय नागरिकता लेने के दौरान निर्धारित मानदंडों को पूरा नहीं किया गया। गृह मंत्रालय के सीमा प्रबंधन सचिव ने 13 पेज के आदेश में कहा कि नागरिकता अधिनियम, 1955 की धारा 10 के तहत, रमेश चिन्नमनेनी की भारत की नागरिकता खत्म की जाती है।
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